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जनवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारतीय सेना दिवस ( Indian Army डे)

भारतीय सेना दिवस भारतीय सेना दिवस !!  Indian Army Day भारत में प्रतिवर्ष 15 जनवरी को जवानों और भारतीय सेना के सम्मान में सेना दिवस मनाया जाता है। मुख्य बिंदु: भारतीय सेना दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1949 में की गई थी, इस वर्ष 72वाँ सेना दिवस मनाया गया है। वर्ष 1949 में भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करियप्पा को भारतीय सेना का कमांडर-इन-चीफ नामित करने की याद में सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 में की गई थी। भारतीय सेना का आदर्श वाक्य है ‘स्वयं से पहले सेवा’ (Service Before Self)। 72वें सेना दिवस में क्या खास है? इस बार नई दिल्ली में आयोजित सेना दिवस परेड में पहली बार एक महिला कैप्टन तानिया शेरगिल ने पुरुष जवानों की टुकड़ी का नेतृत्व किया। इस परेड में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी शामिल हुए। असल उत्तर की लड़ाई (Battle of Asal Uttar) वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान असल उत्तर की लड़ाई 8-10 सितंबर के मध्य लड़ी गई जिससे भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस लड़ाई को इतिहासकारों द्

जास्कर नदी

ज़ास्कर नदी Zanskar River जास्कर नदी कश्मीर में बहने वाली सिधु की प्रमुख सहायक नदी है !  भारतीय वायु सेना ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बर्फ से ढकी ज़ास्कर नदी (Zanskar River) से 107 से अधिक लोगों को बचाया है। ज़ास्कर नदी के बारे में ज़ास्कर नदी उत्तर की ओर बहने वाली सिंधु की सहायक नदी है। ज़ास्कर नदी के ऊपरी प्रवाह की दो मुख्य धाराएँ हैं। इसकी पहली धारा जिसे डोडा (Doda) कहा जाता है, का उद्गम पेन्सी ला (Pensi La) दर्रे के पास से होता है। यह ज़ास्कर घाटी के साथ दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है। इसकी दूसरी धारा का निर्माण कर्ग्याग नदी (Kargyag River) और त्सराप नदी (Tsarap River) से होता है। कर्ग्याग नदी का उद्गम शिंगो ला (Shingo La) दर्रे के पास से होता है। त्सराप नदी का उद्गम बारालाचा ला (Baralacha La) दर्रे के पास से होता है। ये दोनों नदियाँ पुरने गाँव के पास आपस में मिलकर लुंगणक नदी (Lungnak river) का निर्माण करती हैं। यहाँ से लुंगणक नदी ज़ास्कर घाटी में उत्तर-पश्चिम की ओर बहती है और डोडा नदी से मिलने के बाद ज़ास्कर नदी का निर्माण करती है। चादर ट्रैक (Chadar Trek) सर्दी के मौसम में ज़ास्कर न

जल्लीकट्टू

जल्लीकट्टू Jallikattu तमिलनाडु राज्य के मदुरै में  जल्लीकट्टू  (Jallikattu) कार्यक्रम में ज़िला प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा नियमों को लागू करने से दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिली है। जल्लीकट्टू मुख्य बिंदु: जल्लीकट्टू का आयोजन प्रत्येक वर्ष जनवरी में पोंगल (फसलों की कटाई के त्योहार) के अवसर पर किया जाता है। जल्लीकट्टू, तमिलनाडु का लगभग 2000 साल पुराना एक प्राचीन पारंपरिक खेल है इस आयोजन में हर साल लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं यहाँ तक कि उनकी मौत भी हो जाती है। जल्लीकट्टू तमिल भाषा के दो शब्दों  ‘जल्ली’  और  ‘कट्टू’  से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है साँड़ के सींग पर सोने या चाँदी के बांधे गए सिक्के। इस खेल में साँड़ की सींगों में सिक्के या नोट फँसाए जाते हैं और फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है, ताकि लोग साँड़ की सींगों को पकड़कर उन्हें काबू में करें।​ JalliKattu  जल्लीकट्टू जल्लीकट्टू Tamilnadu

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताहNational Road Safety Week

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह National Road Safety Week केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 31वाँ सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी से 17, जनवरी 2020 तक मनाया गया। इस वर्ष की थीम है:  ‘युवाओं के माध्यम से परिवर्तन लाना’ (Bringing Change Through Youth)। उद्देश्य:  इसका उद्देश्य सभी हितधारकों को सड़क सुरक्षा के प्रति संयुक्त कार्रवाई में भाग लेने का अवसर देना है। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह पूरे देश में मनाया जाता है ताकि सड़कों को सुरक्षित बनाये जाने पर ज़ोर दिया जा सके। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक रिपोर्ट में 5 से 29 वर्ष की उम्र के युवाओं की मौत के कारणों में सड़क दुर्घटना को एक प्रमुख कारण माना गया है। भारत ने वर्ष 2015 में  ब्रासीलिया सड़क सुरक्षा घोषणा  पर हस्ताक्षर किये थे जिसके अंतर्गत वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। Rashtriya sadak suraksha saptaha ...  Brasialia sadak suraksha ghoshana